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​हमारा विद्यालय 

इस संस्था की स्थापना ठाकुर साहब स्व० श्री ब्रजराज सिंह सिसौदिया जी के कर कमलों द्वारा सन् 1964 में हुई। आदरणीय ठाकुर साहब ने अपने गाँव एवं क्षेत्र के बालक एवं बालिकाओं के षैक्षिक विकास के लिए इस संस्था की स्थापना की। आज यह संस्था जनपद-फिरोजाबाद की पुरानी संस्थाओं में से एक है। इस संस्था से षिक्षा प्राप्त कर अनेक छात्रों ने देष में तथा विदेषों में उच्च पदों पर पहुँचकर संस्था का नाम उँचा किया है। 
यह विद्यालय प्रदेष की पुरानी संस्थाओं में से एक है, जहाँ सभी वर्ग से सम्बन्धित विशयों की शिक्षा दी जाती है तथा यह शिक्षा दी जाती है तथा यह शिक्षा का प्रमुख केन्द्र है। 

उ०प्र० माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता  दिनाँक :- 11 -05-1971

अनुदान पर आने का वर्ष - 1978 

इन्टर मीडिएट कि मान्यता  वर्ष :- 1991

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प्रधानाचार्य सन्‍देश !

बिना किसी भेद भाव के शारीरिक  उत्कर्श तथा चारित्रिक निर्माण के साथ-साथ बालक एवं बालिकाओं को सुन्दर शिक्षा  प्रदान कर उन्हें योग्य नागरिक के रूप में विकसित करना ही इस संस्था का उद्देष्य है।   विद्यालय नये कीर्तिमान स्‍थापित करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। इसके लिए सभी लोगों को विद्यालय के नियमों का पालन एवं सहयोग की जरूरत है। मुझे पूरा विश्‍वास है कि विद्यालय के छात्र इस सत्र में सफलता के नये कीर्तिमान स्‍थापित करेंगे।

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प्रबन्धन सन्देश !

फिरोजाबाद जनपद  की सर्वोत्‍कृष्‍ट विद्यालयों की सूची में अपना स्‍वर्णिम नाम दर्ज कराते हुये अद्यतन शिक्षा के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्‍थापित करने के लिए अग्रसर हैं।
संस्‍था के समस्‍त सदस्‍यों की यह नैतिक जिम्‍मेदारी है कि संस्थापक के  सपनों को पूर्ण कर प्रति वर्ष उनके प्रति सच्‍ची श्रद्धांजलि अर्पित करें। आपके बुद्धिमत्‍ता एवं दूरदर्शिता के परिणाम स्‍वरूप इस ग्रामीण अंचल में उच्‍च शिक्षा को बढा़वा देने हेतु इस संस्‍था की नींव डाली गयी। आप शुरू से ही अपने समाज के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित रहे। इसका जीवंत प्रमाण यह विद्यालय है। विद्यालय की स्‍थापना के समय से ही इस क्षेत्र के आस-पास के लोग इस संस्‍था में अध्‍ययन कर विभिन्‍न क्षेत्रों में सफलता प्राप्‍त कर उच्‍च पदों पर आसीन हैं। विद्यालय परिवार के सभी सदस्‍य आपको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आपको समस्‍त विद्यालय परिवार यह विश्‍वास दिलाता है कि आपके सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

विद्यालय अनुशासन के नियम

1-विद्यार्थियों को अनुशासन हीनता, अध्यपन शिथिलता तथा विशेष कारणों के आधार पर विद्यालय से कभी भी हटाया जा सकता है। 

2-शिक्षको के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले किसी भी छात्र/छात्रा को विद्यालय में नही रखा जायेगा । जिसकी सूचना अभिभावक को देना अनिवार्य नही होगा । 

३-प्रवेश के बाद छात्र/छात्रा को वर्ग अथवा विषय बदलने की अनुमति नही दी जायेगी |

4-यदि शुल्क माह की निर्धारित तिथि तक नही दिया जाता है तो छात्र/छात्रा का नाम काट दिया जायेगा  |

5-छात्र/छात्राऐं अपनी साइकिल में ताला लगाकर साइकिल स्टैण्ड पर ही रखेंगे एसा ना करने पर छात्र किसी भी घटना के लिये स्वयं जिम्मेदार होंगे । 

6-यदि छात्र/छात्रऐं कालेज का कुुल शुल्क एवं सामान (स्काउटिंग,लाइब्रेरी,खेल आदि का) जमा नही करते है। तो उन्हे प्रवेश पत्र नही दिया जायेगा ।     ऐसे छात्रो को परीक्षा से रोक दिया जायेगा 

7-अनुसूची जाति के छात्रो को प्रवेश सक्षम अधिकारी द्वारा जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही मिलेगा |


  नोट - प्रधानाचार्य को यह अधिकार सुरक्षित है कि उनके द्वारा किसी भी छात्र/छात्रा को किसी भी समय बिना कोई कारण बताये विद्यालय से निष्कासित किया जा सकता है।

                              उपस्थिति के नियम
 

1. उपस्थिति के संबंध में माध्यमिक शिक्षा परिषद, उ.प्र. द्वारा निर्धारित नियम लागू होंगे।
2. लगातार 10 दिन तक अनुपस्थित रहने पर छात्र/छात्रा का नाम खारिज कर दिया जायेगा।
3. सत्र के प्रारम्भ के लगातार तीन दिना अनुपस्थित रहने पर छात्र/छात्राओं का नाम काट दिया जायेगा । पुनः प्रवेश कक्षा में स्थान होने पर ही संभव हो सकेगा, अन्यथा नहीं ।
4. किसी कारणवश नाम कटने पर छात्र/छात्राएॅ पुनः प्रवेश का शुल्क जमा कर के ही कक्षा में बैठ सकेगें।
5. अभिभावकों से यह आशा की जाती है कि वह समय-समय पर कक्षा अध्यापक, सम्बन्धित विषय के प्राध्यापक अथवा गृह परीक्षा प्रभारी से सम्पर्क स्थापित कर अपने पाल्य की प्रगति तथा उपस्थिति देखते रहें।
6. उपस्थ्तियों की नियमानुसार संख्या कम होने पर छात्र को गृह अथवा बोर्ड परीक्षा में बैठने से रोक दिया जायेगा।

                                      अवकाश के नियम 

1. अवकाश के लिए आवेदन पत्र अभिभावक के हस्ताक्षर कराकर कक्षाध्यापक के पास आ जाना चाहिए ।


2. स्कूल समय के बीच में कोई अवकाश नहीं दिया जायेगा। अभिभावका के आने पर अथवा विशेष कारण होने पर ही अवकाश के संबंध में विचार किया जायेगा।


3.10 दिन से अधिक अवकाश या अनुपस्थित रहने पर मैडीकल सर्टिफिकेट देने पर ही अवकाश स्वीकृत किया जायेगा।

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